श्री कृष्ण ने 16108 गोपियों के साथ यहां पर महाराजस रचाए थे
दोस्तों हमारी दुनिया में धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी बहुत सी जगह मौजूद हैं और वृंदावन उन्हीं में से एक है कहा जाता है कि यह वही जगह है जहां श्री कृष्ण ने अपने बचपन के दिन बिताए थे और एक चीज जो लोगों को सबसे ज्यादा अपनी ओर आकर्षित करती है वह है श्री कृष्ण और राधा जी की खूबसूरत यादें आपको बता दें कि वृंदावन में श्री कृष्ण और राधा जी के प्रेम को समर्पित कई मंदिर और खूबसूरत जगह देखने को मिलती हैं उन्हीं में से एक है निधिवन
दोस्तों निधिवन एक ऐसा रहस्यमय बगीचा है जिसके बारे में बताया जाता है कि शाम होते ही श्री कृष्ण अपने गोपियों के साथ यहांपर रास लीला करने आते हैं यहां के भक्तों और स्थानीय लोगों का ऐसा कहना है कि शाम की आरती होने के बाद किसी को भी मंदिर के आसपास नहीं भटकना चाहिए और अगर ऐसा कोई करता है तो वो अंधा होने के साथ मानसिक तौर पर बीमार पड़ जाता है लेकिन दोस्तों सोचने वाली बात यह है कि निधिवन में ऐसा क्या रहस्य छुपा हुआ है शाम के आरती के बाद मंदिर के आसपास जाने की इजाजत नहीं दी जाती
निधिवन में राधा जी और श्री कृष्ण जी का रास लीला दोस्तों भगवान श्री कृष्ण का जन्म तो मथुरा में हुआ था और गोकुल में उनका पालन पोषण हुआ था लेकिन वृंदावन का निधिवन एक ऐसी जगह है जहां श्री कृष्ण ने अपने अनेकों लीलाओं को किए थे उन्हीं में से एक लीला है जब श्री कृष्ण ने 16108 गोपियों के साथ यहां पर महाराजस रचाए थे और उन गोपियों की सभी इच्छाएं पूरी की थी दोस्तों निधिवन में तुलसी के बहुत सारे पेड़ मौजूद हैं और यह पेड़ कोई और नहीं बल्कि उनकी गोपियां ही हैं और रात होते ही अपने वास्तविक रूप में आ जाती हैं इसीलिए यहां स्थानीय लोगों का कहना है कि शाम की आरती होने के बाद श्री कृष्ण और राधा जी यहां पर रोजाना रस लीला रचने आते हैं जिसकी वजह से निधिवन में किसी इंसान का आना मना है
रात के समय निधिवन में कोई क्यों नहीं आ सकता
दोस्तों वैसे तो हमारे भारत में ऐसे कई मंदिर व तीर्थ स्थल श्री कृष्ण को समर्पित है जहां पर आप जब चाहे तब जा सकते हैं लेकिन निधिवन में ही श्री कृष्ण का मात्र ऐसा मंदिर है जहां पर आप रात के समय बिल्कुल नहीं रह सकते हैं क्योंकि ऐसा बताया जाता है कि रात के समय श्री कृष्ण अपने गोपियों के साथ यहां रास लीला रचाते हैं और जो कोई भी इस लीला को देख लेता है वह या तो अंधा हो जाता है या फिर मानसिक तौर पर बीमार पड़ जाता है और दो से तीन दिन के अंदर ही उसकी मौत हो जाती है इस बारे में ऐसा कहा जाता है कि किसी इंसान में इतनी शक्ति नहीं है कि वो भगवान श्री कृष्ण को देख पाए इसीलिए शाम होते ही इंसान के साथ-साथ कोई पक्षी या जानवर भी इस मंदिर के आसपास नहीं भटकता है रोजाना खत्म हो जाता है प्र प्रद दोस्तों शाम की आरती के बाद निधिवन के पूरे क्षेत्र को सात तालों से बंद कर दिया जाता है और ताला बंद करने से पहले मंदिर के गर्भ ग्रह में श्री कृष्ण के लिए दातून पान लड्डू मक्खन मिश्री और श्री कृष्ण का श्रृंगार का सामान रख दिया जाता है बा पूरी रात मंदिर में कोई नहीं जाता है लेकिन जब सुबह मंदिर को खोला जाता है तो सब कुछ खाया हुआ नजर आता है Shri Krishn के लिए सजाया जाता है रंग महल दो दोस्तों निधिवन में मौजूद रंग महल एक ऐसी जगह है जो सबसे ज्यादा रहस्यमय बताई जाती है ऐसा कहा जाता है कि Shri Krishn रात में आकर यहां विश्राम करते हैं इसलिए उनके लिए यह विस्तर सजाया जाता है
निधिवन का विशाखा कुंठ दोस्तों विशाखा कुंड एक ऐसा कुंड है जिसका निर्माण स्वयं भगवान Shri Krishn किए थे इस कुंड के बारे में बताया जाता है कि एक बार Shri Krishn के साथ रास लीला करते समय विशाखा नाम की एक गोपी को प्यास लगती है जिसकी प्यास बुझाने के लिए Shri Krishn ने जलकुंड बनाए थे जिससे विशाखा अपनी प्यास बुझा पाई थी तभी से इस जलकुंड का नाम विशाखा कुंड पड़ गया था