शेर और खरगोश की नई सीख
एक हरे-भरे जंगल में, शेर राजू अपनी ताकत और रुतबे के लिए मशहूर था। वह जंगल का राजा था और उसके सामने कोई भी जानवर अपनी बात कहने का साहस नहीं करता था। शेर का एक नियम था कि हर दिन एक जानवर उसे भोजन के रूप में प्रस्तुत होना होगा। इस नियम से जंगल के सारे जानवर भयभीत थे।
एक दिन, जंगल की सभा में यह निर्णय लिया गया कि अब इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा। खरगोश मीरा ने कहा, “शेर और खरगोश की नई सीख” हमें सिखानी होगी ताकि जंगल में शांति बनी रहे। खरगोश के इस विचार पर सभी ने सहमति जताई। मीरा ने योजना बनाई कि वह शेर के सामने जाकर उसे उसकी गलती का एहसास कराएगी।
अगले दिन, मीरा की बारी थी। मीरा ने सोचा कि शेर की आदत को बदलने के लिए उसे चालाकी से समझाना होगा। उसने एक नई योजना बनाई और शेर की गुफा की ओर रवाना हो गई। रास्ते में वह देर से पहुंचने की तैयारी करती रही ताकि शेर गुस्सा हो और उसकी बात सुनने को मजबूर हो।
जब मीरा शेर की गुफा में पहुंची, तो शेर ने गुस्से से गुर्राते हुए पूछा, “तुम इतनी देर क्यों हुई?”
मीरा ने शांत स्वर में जवाब दिया, “महाराज, मैं तो समय पर आने का प्रयास कर रही थी, लेकिन रास्ते में एक और शेर मिल गया। वह कह रहा था कि वह इस जंगल का असली राजा है।”
यह सुनकर शेर राजू हैरान हो गया। उसने कहा, “कौन है वह दुस्साहसी? मुझे तुरंत दिखाओ!”
मीरा ने बड़ी चतुराई से कहा, “मैं आपको उसके पास ले चलती हूं, लेकिन वह बहुत ताकतवर है। आपको सावधान रहना होगा।”
मीरा शेर को जंगल के किनारे एक गहरे कुएं के पास ले गई। उसने शेर से कहा, “वह शेर इस कुएं में छिपा हुआ है। जब मैंने उससे बात की तो उसने मुझे धमकी दी कि वह आपका मुकाबला करेगा।”
शेर ने कुएं में झांककर देखा, तो उसे अपनी ही परछाई दिखाई दी। उसने सोचा कि यह वही दूसरा शेर है। गुस्से में आकर उसने जोर से दहाड़ लगाई, तो उसकी आवाज कुएं से लौटकर और भी तेज सुनाई दी। शेर ने इसे दुश्मन की दहाड़ समझा और और अधिक क्रोधित हो गया। उसने कुएं में छलांग लगा दी।
कुएं में गिरते ही शेर को एहसास हुआ कि उसने एक बड़ी गलती कर दी है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसकी जान चली गई।
जंगल के सभी जानवर इस घटना से खुश हो गए और उन्होंने मीरा की तारीफ की। उन्होंने कहा, “आज हमने सीखा कि शेर और खरगोश की नई सीख से ही समस्या का समाधान हो सकता है।”
मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा, “शक्ति से अधिक बुद्धि की आवश्यकता होती है। यह बात हमें कभी नहीं भूलनी चाहिए।”
उस दिन से जंगल में शांति छा गई। जानवरों ने मिल-जुलकर रहने और अपनी समस्याओं का समाधान बुद्धिमानी से करने का वादा किया। “शेर और खरगोश की नई सीख” ने जंगल के जानवरों को एकजुट कर दिया।
यह कहानी हमें सिखाती है कि मुश्किल परिस्थितियों का हल ताकत से नहीं, बल्कि बुद्धि और धैर्य से किया जा सकता है। “शेर और खरगोश की नई सीख” केवल जंगल के जानवरों की कहानी नहीं, बल्कि हम इंसानों के लिए भी एक प्रेरणा है।
कहानी का नैतिक संदेश (मोरल):
“शक्ति से बड़ी बुद्धि होती है। हर समस्या का समाधान साहस, धैर्य और चतुराई से संभव है।”
यह कहानी हमें सिखाती है कि किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना करने के लिए केवल बल प्रयोग करना ही सही तरीका नहीं है। सही समय पर सही निर्णय लेना और समझदारी से काम करना अधिक प्रभावशाली होता है।