डरावनी घाटी का खजाना
पुरानी मान्यताओं और रहस्यमय कहानियों में घिरी “डरावनी घाटी” दूर-दराज के गांवों के बीच छुपी हुई थी। गांववाले इसे “भूतों की घाटी” कहते थे और इसके बारे में अजीबोगरीब बातें करते थे। कहते थे कि इस घाटी में सदियों पुराना खजाना छुपा हुआ है, लेकिन उसे पाने के लिए कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस घाटी में एक बार कदम रखने वाला वापस नहीं लौटता था।
खजाने की खोज का जुनून
रवि, एक युवा और साहसी व्यक्ति, रहस्यों को सुलझाने का शौकीन था। उसने बचपन से डरावनी घाटी की कहानियों को सुना था। उसके दादाजी ने भी उसे बताया था कि वहां कभी किसी राजा का खजाना छुपाया गया था। लेकिन दादाजी ने चेतावनी दी थी कि वहां जाना मौत को दावत देने जैसा है।
रवि ने तय कर लिया कि वह डरावनी घाटी का खजाना ढूंढकर रहेगा। उसकी इस खोज में उसके दोस्त अजय और सीमा भी शामिल हो गए। तीनों ने मिलकर एक योजना बनाई और घाटी के लिए निकल पड़े।
घाटी में पहला कदम
डरावनी घाटी में कदम रखते ही ठंडी हवा का झोंका और अजीब-सी खामोशी ने उन्हें घेर लिया। चारों ओर ऊंचे-ऊंचे पेड़ और रहस्यमय चट्टानें थीं। पक्षियों की आवाज तक वहां सुनाई नहीं देती थी। सीमा को डर लगने लगा, लेकिन रवि ने उसे हिम्मत दी।
जैसे-जैसे वे अंदर बढ़ते गए, उन्हें अजीबो-गरीब प्रतीक और प्राचीन मूर्तियां दिखाई देने लगीं। अजय ने कहा, “यह जगह सच में डरावनी है, लेकिन मैं खजाने का सोचकर ही यहां आया हूं।”
अजीब घटनाएं
घाटी के अंदर घुसते ही उन्हें लगा जैसे कोई उनकी परछाई का पीछा कर रहा है। कभी हवा में फुसफुसाहट सुनाई देती, तो कभी पेड़ों के पीछे कोई आकृति दिखती। सीमा ने कहा, “यह जगह सच में भूतों से भरी लगती है। हमें लौट जाना चाहिए।”
रवि ने जवाब दिया, “डरावनी घाटी का खजाना कोई आम चीज नहीं है। इसे पाने के लिए हमें अपनी हिम्मत दिखानी होगी।”
खजाने की ओर इशारा
वे तीनों एक प्राचीन मानचित्र के आधार पर आगे बढ़ रहे थे, जिसे रवि ने एक पुराने किताब से प्राप्त किया था। उस मानचित्र में खजाने तक पहुंचने के लिए एक गुफा का जिक्र था। कई घंटों की तलाश के बाद, उन्हें एक विशाल गुफा दिखाई दी। गुफा के बाहर बड़े-बड़े पत्थरों पर अजीब शिलालेख थे।
अजय ने कहा, “क्या हमें यकीन है कि खजाना यहीं छुपा है?”
रवि ने जवाब दिया, “यकीन से तो नहीं कह सकता, लेकिन डरावनी घाटी का खजाना यहीं कहीं होना चाहिए।”
गुफा के भीतर का रहस्य
गुफा के भीतर घुसते ही हवा और ठंडी हो गई। अंदर घुप्प अंधेरा था, और उन्हें केवल अपनी टॉर्च की रोशनी के सहारे ही चलना पड़ रहा था। गुफा की दीवारों पर अजीब चित्र बने हुए थे, जो शायद खजाने का रास्ता दिखा रहे थे।
अचानक, गुफा के अंदर से एक डरावनी चीख सुनाई दी। सीमा डर के मारे चिल्ला पड़ी। रवि ने कहा, “यह सिर्फ हवा की आवाज है। हमें डरे बिना आगे बढ़ना होगा।”
भूतिया दरवाजा
गुफा के भीतर कुछ दूरी पर एक बड़ा पत्थर का दरवाजा था। दरवाजे पर पुराने समय के राजा की मूर्ति उकेरी गई थी। मूर्ति के हाथ में एक तलवार थी, और उसके नीचे लिखा था, “जो इस दरवाजे को खोलने की कोशिश करेगा, वह मौत का सामना करेगा।”
अजय ने डरते हुए कहा, “शायद यह खजाना हमें नहीं चाहिए।”
रवि ने कहा, “डरावनी घाटी का खजाना आसानी से किसी को नहीं मिलता। हमें कोशिश करनी होगी।”
खजाना और खतरा
उन्होंने दरवाजे को खोलने की कोशिश की। जैसे ही दरवाजा खुला, एक जोरदार आवाज हुई, और गुफा हिलने लगी। उनके सामने सोने-चांदी और बहुमूल्य रत्नों से भरा एक कमरा था। लेकिन कमरे के अंदर एक भूतिया आकृति प्रकट हुई।
उस आकृति ने कहा, “यह खजाना उस राजा का है, जिसने अपनी पूरी जिंदगी इसे छुपाने में लगाई। इसे लेने की कीमत तुम्हें चुकानी होगी।”
आखिरी फैसला
रवि ने साहस दिखाते हुए कहा, “हमने यह खजाना ढूंढने के लिए अपनी जान दांव पर लगाई है। हम इसे छोड़कर नहीं जाएंगे।”
अकृति ने एक शर्त रखी, “अगर तुम यह खजाना लेकर जा सके, तो जाओ। लेकिन अगर हार गए, तो तुम्हारी आत्मा यहीं कैद हो जाएगी।”
खजाने के साथ लौटना
रवि ने अपनी बुद्धि और हिम्मत का उपयोग करते हुए खजाने को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हालांकि, इस पूरी यात्रा में उन्हें कई कठिनाइयों और डर का सामना करना पड़ा। गांव लौटने पर वे डरावनी घाटी का खजाना लेकर आए, लेकिन उन्होंने यह बात सीखी कि साहस और बुद्धिमानी से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
डरावनी घाटी का खजाना अब केवल एक रहस्य नहीं रहा, बल्कि उनकी बहादुरी की कहानी बन गया।