सच्ची कहानियाँ

रक्षाबंधन का उपहार

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन का उपहार

रक्षाबंधन 

छोटे से गांव में एक परिवार रहता था – जिसमें ममता और उसके भाई रोहित का अटूट प्रेम था। ममता और रोहित एक-दूसरे के बिना अधूरे से थे। ममता शांत और समझदार थी जबकि रोहित चंचल और जिज्ञासु। दोनों भाई-बहन साथ खेलते, पढ़ाई करते और एक-दूसरे के सुख-दुख में सच्चे साथी थे। 

बचपन से ही ममता और रोहित का रिश्ता बेहद खास था। ममता हमेशा अपने भाई की देखभाल करती और रोहित हमेशा अपनी बहन के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए कुछ नया करता रहता था। हर रक्षाबंधन पर ममता अपने भाई के लिए सुंदर-सा राखी बनाती और रोहित हमेशा उससे कहता, “तू जो मांग ले, वो तेरा होगा!”

एक बार ऐसा हुआ कि उनके पिता की नौकरी शहर में लग गई। आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, इसीलिए बच्चों को गांव में ही रहना पड़ा। अब दोनों अपने माता-पिता से दूर थे और एक-दूसरे का सहारा बन गए थे। ममता ने घर का सारा जिम्मा अपने ऊपर ले लिया और रोहित भी अपनी बहन की मदद करता, ताकि दोनों का घर चलता रहे।

एक दिन रोहित ने देखा कि ममता बेहद उदास है। उसने ममता से कई बार पूछा, पर ममता ने कुछ नहीं बताया। अंततः उसने रोहित से कहा, “तू पढ़ने में बहुत अच्छा है, मुझे चिंता है कि पैसों की कमी के कारण तेरी पढ़ाई रुक जाएगी।” रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा, “दीदी, तेरे होते हुए मुझे कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी।” ममता का दिल भाई के इस प्यार को देखकर पिघल गया।

समय बीतता गया, और रक्षाबंधन का दिन आ गया। ममता ने अपने भाई के लिए खूबसूरत राखी तैयार की, लेकिन उसके पास उपहार देने के लिए पैसे नहीं थे। उसने एक पुरानी किताब में से पन्ना निकाला और उस पर अपने मन के सारे प्यार को लिख दिया। उसने लिखा, “तू मेरे लिए भगवान का सबसे बड़ा तोहफा है, मेरे लिए बस इतना ही काफी है कि तू हमेशा खुश और सुरक्षित रहे।”

रक्षाबंधन के दिन ममता ने रोहित की कलाई पर राखी बांधी और वो पत्र उसे दिया। रोहित ने पत्र पढ़ा और उसकी आंखों में आंसू आ गए। उसने कहा, “दीदी, तेरे इस अनमोल तोहफे को मैं हमेशा संभालकर रखूंगा।” रोहित ने ममता को वादा किया कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करके एक दिन जरूर बड़े आदमी बनेगा ताकि वह ममता की हर ख्वाहिश पूरी कर सके।

वर्षों बाद, रोहित ने अपनी पढ़ाई पूरी की और उसे एक अच्छी नौकरी मिल गई। उसने ममता के लिए एक सुंदर घर खरीदा और कहा, “ये मेरा वादा था कि एक दिन मैं तेरे सारे सपने पूरे करूंगा।” ममता ने अपने भाई को गर्व और प्यार से देखा, क्योंकि उसका सबसे बड़ा सपना तो उसकी आंखों के सामने खड़ा था – उसका भाई, उसका सहारा।

इस तरह ममता और रोहित का रिश्ता समय के साथ और भी गहरा और मजबूत होता गया। रक्षाबंधन के इस अनमोल उपहार ने उनके रिश्ते को एक नई ऊंचाई दी, जो हर साल उनकी जिंदगी में नए रंग भरता रहा।

रक्षाबंधन

Rakshabandhan Gift

रक्षाबंधन

In a small village lived a family – Mamta and her brother Rohit, who shared a deep love for each other. Mamta and Rohit were incomplete without each other. Mamta was calm and sensible while Rohit was playful and curious. Both siblings played together, studied together and were true companions in each other’s happiness and sorrow.

Mamta and Rohit’s relationship was very special since childhood. Mamta always took care of her brother and Rohit always tried something new to bring a smile on his sister’s face. Every Rakshabandhan Mamta made a beautiful Rakhi for her brother and Rohit always told her, “Whatever you ask for, it will be yours!”

Once it so happened that their father got a job in the city. The financial situation was not good, so the children had to stay in the village. Now both were away from their parents and became each other’s support. Mamta took all the responsibility of the house on herself and Rohit also helped his sister so that the house of both could run.

One day Rohit saw that Mamta was very sad. He asked Mamta many times, but Mamta did not tell him anything. Finally she told Rohit, “You are very good at studies, I am worried that your studies will stop due to lack of money.” Rohit smiled and said, “Didi, I will never lack anything with you.” Mamta’s heart melted seeing this love of her brother.

Time passed, and the day of Rakshabandhan came. Mamta prepared a beautiful rakhi for her brother, but she did not have money to give him a gift. She took out a page from an old book and wrote all the love in her heart on it. She wrote, “You are God’s greatest gift to me, it is enough for me that you are always happy and safe.”

On the day of Rakshabandhan, Mamta tied a rakhi on Rohit’s wrist and gave him the letter. Rohit read the letter and tears came to his eyes. He said, “Didi, I will always keep this precious gift of yours safe.” Rohit promised Mamta that he will complete his studies and become a big man one day so that he can fulfill all her wishes.

Years later, Rohit completed his studies and got a good job. He bought a beautiful house for Mamta and said, “This was my promise that one day I will fulfill all your dreams.” Mamta looked at her brother with pride and love, because her biggest dream was standing in front of her eyes – her brother, her support.

This way, Mamta and Rohit’s relationship became even deeper and stronger with time. This precious gift of Rakshabandhan gave a new height to their relationship, which kept adding new colors to their life every year.

रक्षाबंधन

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