राजू एक होशियार और जिज्ञासु लड़का था, जो अपनी माँ के साथ एक छोटे से गाँव में रहता था। उसके पिता का देहांत बचपन में ही हो गया था, इसलिए उसकी माँ ही घर चलाने के लिए दिन-रात मेहनत करती थी। वह बहुत धार्मिक थी और हमेशा भगवान में विश्वास रखती थी। वह राजू को भी सिखाती थी कि भगवान पर भरोसा रखना बहुत ज़रूरी है। लेकिन राजू को भगवान के अस्तित्व पर संदेह था। वह सोचता था, “अगर भगवान होते, तो हमारी इतनी गरीबी क्यों होती? हमें इतनी कठिनाइयाँ क्यों सहनी पड़ती हैं?”
उसकी माँ हर दिन पूजा करती, उपवास रखती और कहती, “भगवान सबकी सुनते हैं, लेकिन हमें धैर्य रखना चाहिए। हर चीज़ सही समय पर होती है।” राजू यह सब देखकर परेशान हो जाता और कहता, “माँ, अगर भगवान हमारी मदद नहीं कर सकते, तो उनके होने का क्या फायदा?”
उसकी माँ मुस्कुरा देती और कहती, “बेटा, भगवान हमेशा हमारे साथ होते हैं। जब तुम्हें उनकी सबसे ज्यादा ज़रूरत होगी, तो तुम खुद देखोगे कि वे हमारी मदद कैसे करते हैं।”
गाँव का जीवन और राजू की परीक्षा
गाँव बहुत सुंदर था, चारों तरफ हरियाली थी, पहाड़ थे और एक छोटा सा तालाब भी था। गाँव के लोग सीधे-सादे और परिश्रमी थे। वे अपने खेतों में काम करते और शाम को मंदिर में भजन-कीर्तन में शामिल होते। राजू को यह सब पसंद नहीं था। वह सोचता था कि यह सब समय की बर्बादी है।
एक दिन गाँव में मेला लगा। हर कोई वहाँ जाने के लिए उत्साहित था। राजू भी अपने दोस्तों के साथ वहाँ जाना चाहता था, लेकिन उसकी माँ के पास पैसे नहीं थे। राजू को बहुत गुस्सा आया। उसने माँ से कहा, “माँ, तुम हमेशा भगवान की पूजा करती हो, लेकिन उन्होंने हमारी गरीबी दूर नहीं की। अगर भगवान होते, तो हमें भी खुशी मिलती!”
माँ ने प्यार से कहा, “बेटा, भगवान हमें मेहनत करने की शक्ति देते हैं, ताकि हम अपनी तकदीर खुद बना सकें। वे सिर्फ चमत्कार नहीं करते, बल्कि हमें सही रास्ता दिखाते हैं।”
राजू ने झुंझलाकर कहा, “अगर भगवान होते, तो मैं भी मेले जा सकता!”
माँ ने धीरे से कहा, “अगर तुम्हारा विश्वास सच्चा होता, तो शायद भगवान तुम्हारी इच्छा पूरी कर देते!”
जंगल में फंसा राजू
अगले दिन, राजू रोज़ की तरह स्कूल जा रहा था। स्कूल जाने का रास्ता गाँव के पास के घने जंगल से होकर जाता था। यह रास्ता थोड़ा डरावना था क्योंकि वहाँ जंगली जानवर भी रहते थे, लेकिन राजू को इसकी आदत हो गई थी।
उस दिन मौसम खराब था। बादल घने थे, और हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। रास्ता फिसलन भरा था, लेकिन राजू जल्दी-जल्दी चलने लगा क्योंकि उसे स्कूल पहुँचने की जल्दी थी।
जैसे ही वह जंगल के बीच पहुँचा, अचानक उसके पैर के नीचे की मिट्टी खिसक गई और वह गहरी खाई में गिरने लगा। डर के मारे उसने ज़ोर से चिल्लाया, “भगवान, मेरी मदद करो!”
भगवान की कृपा
अचानक, राजू का हाथ एक मोटी जड़ पर जा टिका। उसने कसकर उसे पकड़ लिया और लटक गया। उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं, और वह पूरी तरह डर चुका था। उसने चारों तरफ देखा, लेकिन कोई नहीं था।
उसकी आँखों में आँसू आ गए। उसे अपनी माँ की बातें याद आईं। उसने पहली बार दिल से भगवान को पुकारा, “भगवान, अगर आप सच में हो, तो कृपया मेरी मदद करें!”
कुछ ही देर बाद, गाँव के कुछ लोग वहाँ से गुज़रे। उन्होंने राजू की चीख सुनी और उसे खोजने लगे। जब उन्होंने उसे लटकते हुए देखा, तो तुरंत एक रस्सी फेंकी और बड़ी सावधानी से उसे बाहर निकाला।
राजू की जान बच गई।
राजू का बदला हुआ विश्वास
जब वह सुरक्षित घर पहुँचा, तो उसकी माँ ने उसे गले से लगा लिया और भगवान का धन्यवाद किया। राजू ने माँ से कहा, “माँ, जब मैं गिर रहा था, तो मैंने अनजाने में भगवान को पुकारा, और सच में उन्होंने मेरी मदद की। अब मुझे समझ आ गया कि भगवान हर समय हमारे साथ होते हैं। हमें बस उन पर भरोसा रखना आना चाहिए।”
उस दिन के बाद से, राजू के विचार पूरी तरह बदल गए। अब वह रोज़ सुबह उठकर भगवान का धन्यवाद करता और सच्चे मन से मेहनत करता। उसे अब यह विश्वास हो गया था कि भगवान हमें देख रहे हैं और जब भी हमें उनकी जरूरत पड़ती है, वे किसी न किसी रूप में हमारी मदद करते हैं।
भगवान का दूसरा चमत्कार
कुछ महीनों बाद, गाँव में एक बड़ा अकाल पड़ा। बारिश नहीं हो रही थी, और फसलें सूख रही थीं। गाँव के लोग बहुत चिंतित थे। राजू की माँ ने सभी से कहा, “हम सबको मिलकर भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए। अगर हमारी प्रार्थना सच्ची होगी, तो बारिश ज़रूर होगी!”
राजू अब भगवान में विश्वास करने लगा था। उसने भी पूरे गाँव के साथ मिलकर मंदिर में भजन-कीर्तन किया। गाँव के सभी लोग रोज़ सुबह और शाम भगवान से बारिश के लिए प्रार्थना करने लगे।
कुछ दिनों बाद, चमत्कार हुआ! आसमान में काले बादल छा गए और ज़ोरदार बारिश होने लगी। पूरा गाँव खुशी से झूम उठा। राजू भी बहुत खुश हुआ और उसने अपनी माँ से कहा, “माँ, अब मुझे पूरा विश्वास हो गया है कि भगवान सच में होते हैं। वे हमारी मेहनत और सच्ची प्रार्थना को ज़रूर सुनते हैं!”
शिक्षा:
भगवान में विश्वास रखना हमें मुश्किल समय में हिम्मत और सहारा देता है। हमें हमेशा धैर्य रखना चाहिए और भगवान पर भरोसा बनाए रखना चाहिए, क्योंकि वे हर जगह हैं और सही समय पर हमारी सहायता करते हैं।
“सच्चे मन से किया गया विश्वास और प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता। भगवान हमें हमेशा सही रास्ता दिखाते हैं।”