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पहला प्यार और एक पत्थर दिल

पहला प्यार और एक पत्थर दिल

उसकी आँखों में वह नमी थी, जो हर किसी के दिल को छू जाए। और मैं, एक नादान लड़का, जिसे पहली बार सच्चे प्यार का एहसास हुआ था, उसी नमी के बीच खो गया था। उसकी मुस्कान में वह खास बात थी, जो मुझे अपनी दुनिया से बाहर की हर चीज से बेखबर कर देती थी। मैं उस दिन को भूल नहीं सकता, जब मुझे पहली बार उससे मिलने का मौका मिला।

यह कहानी उसी समय की है, जब मैं अपने कॉलेज के दिनों में था। मेरी जिंदगी में जो बदलाव आया, वह कुछ खास था। उस दिन जब मैं कॉलेज के मैदान में खड़ा था, अचानक उसकी आँखें मेरी आँखों से टकराई। वह मुझे देखती हुई आई और एक हल्की सी मुस्कान दी। मुझे याद है, मैं घबराया हुआ था, जैसे मुझे किसी ने अचानक परीक्षा में बैठा दिया हो। दिल की धड़कन तेज हो गई थी।

उसका नाम था रीमा। वह मेरी क्लास की सबसे प्यारी लड़की थी। उसकी आवाज़ में वह खनक थी, जो दिल को एक अजीब सी राहत देती थी। उसकी बातों में एक अलग ही जादू था। वह हमेशा हंसती-खिलखिलाती रहती थी, और उसकी मुस्कान में ऐसा कुछ था, जो दिल को अजीब सा खींचता था।

हम दोनों के बीच की पहली बातचीत थी, और उस समय मुझे महसूस हुआ था कि कुछ खास होने वाला है। वह मुझे अपनी दुनिया का हिस्सा बनने का एहसास दिला रही थी। हमारी बातें बढ़ने लगीं, और धीरे-धीरे मैं उसके करीब आने लगा। हमारी दोस्ती गहरी होती जा रही थी, और मैं यह नहीं समझ पा रहा था कि यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई।

एक दिन जब हम दोनों कॉलेज के बगीचे में बैठे थे, मैंने उससे कहा, “रीमा, मैं तुमसे कुछ कहने आया हूँ।” वह मेरी आँखों में देखा और बोली, “क्या बात है? तुम कुछ कह रहे हो, तो डर क्यूँ रहे हो?” मैंने धीरे-धीरे कहा, “मैं तुमसे प्यार करता हूँ।”

उसकी आँखों में एक अजीब सी नमी आई। वह चुप रही। कुछ पल के लिए वह अपनी सोच में खो गई। फिर उसने धीरे से कहा, “तुम बहुत अच्छे हो, लेकिन मैं अभी किसी से प्यार करने के लिए तैयार नहीं हूँ। मेरी जिंदगी में बहुत कुछ चल रहा है।”

मेरे दिल को बहुत गहरा धक्का लगा। वह शब्द मेरे दिल में पत्थर की तरह गड़ गए। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हुआ। मेरी पहली प्रेम कहानी को अचानक ही एक ठंडा और बेरहम जवाब मिल गया।

मैंने उसे समझाया कि प्यार का कोई समय नहीं होता, और यह दिल से होता है, लेकिन वह बहुत शांत और समझदार थी। उसने मुझसे कहा, “तुम अच्छे हो, और मुझे तुमसे कभी कोई शिकायत नहीं होगी। लेकिन मेरा दिल किसी और के लिए नहीं है।”

उसके इस जवाब ने मुझे तोड़ दिया, लेकिन फिर भी मैं उसे अपने दिल में कहीं न कहीं प्यार करता रहा। वह दिन मेरे लिए बहुत कठिन था। मेरे मन में बहुत सवाल थे, लेकिन रीमा की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। फिर भी मैंने खुद से यह वादा किया कि मैं कभी उसे अकेला नहीं छोड़ूँगा, क्योंकि प्यार का मतलब सिर्फ एक दूसरे के साथ होना नहीं, बल्कि एक-दूसरे की खुशी में खुश रहना भी होता है।

कई सालों बाद, मैं और रीमा फिर मिले। वह अब एक बेहद सफल महिला बन चुकी थी, और मैं अपनी राह पर चला गया था। हमने पुराने दिनों की बातें की और फिर से वह पुरानी दोस्ती शुरू हो गई। लेकिन अब मैं जानता था कि उसका दिल किसी और के लिए था, और मुझे समझ में आ गया था कि प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं, बल्कि उसे समझने और स्वीकारने का भी नाम है।

यादों में वह दिन हमेशा रहेगा, जब मैंने अपना पहला प्यार महसूस किया था, और जब उसने मेरी दिल की आवाज़ को एक ठुकरा दिया था। वह प्यार अब भी मेरे दिल में बसा हुआ है, लेकिन अब मैं जानता हूँ कि दिल का दर्द समय के साथ हल्का हो जाता है, और प्यार कभी न कभी किसी और रूप में वापस आता है।

Seerat

यह कहानी मिस सीरत द्वारा लिखी गई है।

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sunsire

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