गुर्दे की पथरी एक कठोर पदार्थ है
जो आपके गुर्दे में बनता है। यह तब होता है जब आपके मूत्र में कुछ खनिजों और लवण की मात्रा अधिक हो जाती है। ये खनिज एक साथ मिलकर एक ठोस पदार्थ बना लेते हैं जिसे पथरी कहा जाता है।
Kidney stone
यह आकार और आकार में अलग-अलग हो सकती है। कुछ पथरी छोटे होते हैं और रेत के दाने जितने बड़े होते हैं, जबकि अन्य बड़े होते हैं और गोल्फ बॉल जितने बड़े होते हैं।
पथरी के प्रकार
इस के कई प्रकार होते हैं, लेकिन सबसे आम प्रकार हैं:
कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन: ये सबसे आम प्रकार हैं और कैल्शियम और ऑक्सालेट से बने होते हैं।
कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन: ये कम आम हैं और कैल्शियम और फॉस्फेट से बने होते हैं।
स्ट्रुवाइट स्टोन: ये आम तौर पर बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण बनते हैं।
यूरिक एसिड स्टोन: ये यूरिक एसिड के उच्च स्तर के कारण बनते हैं।
सिस्टीन स्टोन: ये एक दुर्लभ प्रकार हैं और सिस्टीन नामक अमीनो एसिड के उच्च स्तर के कारण बनते हैं।
इस के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:
तेज दर्द: आपकी पीठ के मध्य या साइड में तेज दर्द हो सकता है। दर्द आमतौर पर आता और जाता है।
पेशाब में खून: आप अपने पेशाब में खून देख सकते हैं।
नाउसी: आपको मतली और उल्टी हो सकती है।
बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता: आपको बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन आप बहुत कम पेशाब पास कर सकते हैं।
पेशाब करते समय जलन: आपको पेशाब करते समय जलन महसूस हो सकती है।
पेशाब में बदबू: आपका पेशाब में बदबू आ सकती है।
कारण
इस के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ सबसे आम कारणों में शामिल हैं:
पर्याप्त पानी नहीं पीना: पर्याप्त पानी नहीं पीने से आपके मूत्र में खनिजों की सांद्रता बढ़ सकती है, जिससे यह बनने की संभावना बढ़ जाती है।
कुछ खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन: कुछ खाद्य पदार्थों में उच्च स्तर के ऑक्सालेट या यूरिक एसिड होते हैं, जो इस के निर्माण में योगदान कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों में शामिल हैं: पालक, चॉकलेट, मांस, और समुद्री भोजन।
मोटापा: मोटापा आपके शरीर में कैल्शियम के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे इस के विकास का खतरा बढ़ जाता है।
मूत्र पथ के संक्रमण: मूत्र पथ के संक्रमण आपके मूत्र में बैक्टीरिया की वृद्धि का कारण बन सकते हैं, जो इस के निर्माण में योगदान कर सकते हैं।
कुछ चिकित्सीय स्थितियां: कुछ चिकित्सीय स्थितियों, जैसे कि सिस्टिक फाइब्रोसिस और क्रोन रोग, आपके इस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
उपचार
गुर्दे की इस के उपचार आपके पथरी के आकार और प्रकार पर निर्भर करता है। छोटी पथरी अक्सर अपने आप निकल जाती हैं। बड़ी पथरी को शल्य चिकित्सा, यूरेटरोस्कोपी या ईएसडीडब्ल्यूएल के माध्यम से निकाला जा सकता है।
यदि आप गुर्दे की इस के लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपके लक्षणों का मूल्यांकन कर सकते हैं और उपचार योजना की सिफारिश कर सकते हैं।
निवारण
आप निम्न उपायों को करके गुर्दे की इस के जोखिम को कम कर सकते हैं:
पर्याप्त पानी पीना: दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीएं।
खाद्य पदार्थों का सीमित सेवन: उच्च ऑक्सालेट या यूरिक एसिड वाले खाद्य पदार्थों का सीमित सेवन करें।
वजन को नियंत्रित रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखें।
यदि आपको इस का खतरा है तो अपने डॉक्टर से बात करें: यदि आपको इस का खतरा है तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपको उपचार योजना की सिफारिश कर सकते हैं जो आपके जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
पथरी ऑपरेशन के प्रकार:
लापरोस्कोपिक पथरी ऑपरेशन: यह सबसे आम तरीका है। इसमें छोटे चीरे लगाकर पेट के अंदर एक छोटे कैमरे और उपकरणों को डाला जाता है। पथरी को हटाने के बाद चीरे को बंद कर दिया जाता है।
ओपन पथरी ऑपरेशन: यह तब किया जाता है जब लापरोस्कोपिक सर्जरी संभव नहीं होती है। इसमें पेट में एक बड़ा चीरा लगाकर पित्ताशय को हटा दिया जाता है।
पथरी ऑपरेशन के बाद की देखभाल:
दर्द प्रबंधन के लिए दवाएं लेना।
आराम करना और गतिविधियों को धीरे-धीरे बढ़ाना।
डॉक्टर के निर्देशानुसार खान-पान का ध्यान रखना।
नियमित रूप से फॉलो-अप के लिए डॉक्टर से मिलना।
नोट: पथरी ऑपरेशन के बारे में अधिक जानकारी के लिए, अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वे आपके विशिष्ट स्थिति के आधार पर आपको सबसे उपयुक्त विकल्प बता सकते हैं।