शाम के हल्के उजाले में वह एक पुराने, जर्जर मकान की बालकनी में खड़ी थी। आँचल हवा में उड़ रहा था और आँखों में उदासी थी। नेहा का मन आज भारी था। जब ज़िंदगी ने दूसरा मौका दिया था, तब उसने सोचा था कि सब कुछ बदल जाएगा। लेकिन क्या सच में बदला?
“दूसरा मौका” यह शब्द उसके जीवन में कई बार गूँजा, लेकिन हर बार उसके अर्थ बदल जाते थे।
नेहा एक मध्यमवर्गीय परिवार से थी। पढ़ाई में अव्वल और कला में रुचि रखने वाली लड़की। उसके सपने आसमान छूने के थे, पर हालातों ने उसके पंख कतर दिए। पिता की अचानक मृत्यु ने परिवार की जिम्मेदारियाँ उस पर डाल दीं। उसे अपना सपना छोड़कर एक छोटी सी नौकरी करनी पड़ी।
लेकिन जब ज़िंदगी ने दूसरा मौका दिया, उसने अपने सपनों को फिर से जीने का सोचा। नौकरी के साथ उसने अपने बचपन के शौक, पेंटिंग, पर काम करना शुरू किया। एक दिन, उसकी बनाई हुई एक पेंटिंग ने सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया। उसे कई बड़े आर्ट गैलरीज़ से निमंत्रण मिले। नेहा को लगा, अब उसकी मेहनत रंग ला रही है।
लेकिन सफर इतना आसान नहीं था। नेहा ने यह समझा कि जब ज़िंदगी दूसरा मौका देती है, तो वह चुनौती भी साथ लाती है। गैलरी में अपनी पहली प्रदर्शनी के दौरान ही उसे महसूस हुआ कि यहाँ लोग पैसे और शोहरत के पीछे भागते हैं। उसकी कला से ज्यादा लोग नाम पूछते थे।
एक दिन, उसके जीवन में अयान आया। अयान नेहा की पेंटिंग का बहुत बड़ा प्रशंसक था। उसने नेहा से कहा, “जब ज़िंदगी ने दूसरा मौका दिया है, तो उसे पूरी ईमानदारी से जियो। नाम की परवाह मत करो, बस अपने काम को और दिल से करो।”
अयान का यह वाक्य नेहा को बहुत प्रेरणा देता था। उसकी मदद से नेहा ने अपनी कला को और भी निखारा। लेकिन जैसे ही उनका रिश्ता गहराया, नेहा को पता चला कि अयान एक गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। उसने उसे छोड़ने की बात कही, लेकिन अयान ने मुस्कुराते हुए कहा, “जब ज़िंदगी ने दूसरा मौका दिया है, तो इसे जाया मत करो। मेरे साथ भी और अपनी कला के साथ भी।”
नेहा ने फिर से अपने काम पर ध्यान देना शुरू किया। उसने एक विशेष प्रदर्शनी रखी, जिसका नाम था “दूसरा मौका”। उस प्रदर्शनी में हर पेंटिंग एक कहानी कहती थी—दूसरा मौका पाने की, उम्मीदों की, और संघर्षों की।
प्रदर्शनी नेहा की ज़िंदगी बदलने वाली साबित हुई। उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। लेकिन उसी समय अयान उसकी ज़िंदगी से चला गया। यह नेहा के लिए एक बड़ा आघात था।
नेहा ने अपनी सफलता को अयान की यादों और उसके शब्दों के साथ जिया। उसने एक फाउंडेशन शुरू किया, जिसका उद्देश्य उन लोगों को मदद देना था, जिन्हें ज़िंदगी ने दूसरा मौका दिया था, लेकिन वे उसे पहचान नहीं पाए।
कहानी का सार यह है कि जब ज़िंदगी दूसरा मौका देती है, तो हमें उसे पकड़ना चाहिए। दूसरा मौका केवल एक अवसर नहीं, बल्कि ज़िंदगी का इशारा होता है कि हमें अपनी गलतियाँ सुधारनी हैं और अपने सपनों को फिर से जीना है।
नेहा की कहानी आज लाखों लोगों को प्रेरणा देती है। उसका जीवन इस बात का प्रमाण है कि “जब ज़िंदगी ने दूसरा मौका दिया” तो उसने हर बार इसे दिल से जिया।