उसकी जिंदगी का हर कोना उसके बिना अधूरा था। वह हर पल सिर्फ उसकी यादों में डूबा रहता था। “तुम्हारे बिना अधूरी” यह शब्द उसकी जिंदगी का हिस्सा बन चुके थे। आनंद, जो एक साधारण जीवन जी रहा था, कभी नहीं सोचा था कि एक दिन उसकी जिंदगी में ऐसा कोई आएगा, जो उसकी दुनिया को रंगीन कर देगा।
रेखा, एक हंसमुख और चंचल लड़की, जब पहली बार आनंद से मिली, तो दोनों की जिंदगी बदल गई। उनकी मुलाकात कॉलेज के एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हुई। वह पहली नजर का प्यार था। रेखा का मुस्कुराना, उसकी बातें, सबकुछ आनंद को खींचने लगा। लेकिन उसकी कहानी तब शुरू हुई जब उसे समझ आया कि रेखा के बिना उसकी जिंदगी अधूरी है।
रेखा और आनंद की दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होती गई। दोनों एक-दूसरे के साथ हर छोटी-बड़ी खुशी बांटने लगे। आनंद को रेखा का साथ एक नई ऊर्जा देता था। वह हर दिन बस यही सोचता कि रेखा उसके जीवन का हिस्सा बन जाए। लेकिन जिंदगी ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था।
कॉलेज खत्म होते ही रेखा को अपने परिवार के साथ विदेश जाना पड़ा। जाते समय उसने आनंद से वादा किया कि वह जल्दी लौटेगी। लेकिन समय बीतता गया, और रेखा की वापसी की कोई खबर नहीं थी। आनंद हर रोज उसके फोन का इंतजार करता, लेकिन रेखा की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
“तुम्हारे बिना अधूरी” यह ख्याल आनंद को हर पल सताने लगा। उसने रेखा को हर जगह खोजा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। उसकी जिंदगी अब पूरी तरह से बदल चुकी थी। आनंद ने अपने दर्द को अपनी कला में व्यक्त करना शुरू किया। वह अब एक मशहूर लेखक बन चुका था, और उसकी कहानियां हमेशा एक अधूरी प्रेम कहानी की झलक देती थीं।
समय बीतता गया, लेकिन आनंद की यादें और उसके दर्द में कोई कमी नहीं आई। उसने कई किताबें लिखीं, लेकिन हर किताब में रेखा की छवि झलकती थी। वह उसके बिना अधूरी थी। आनंद अक्सर अपने कमरे में रेखा की पुरानी तस्वीरें देखता और सोचता कि वह किस हाल में होगी।
एक दिन, आनंद को एक इवेंट में बुलाया गया, जहां उसकी किताब “तुम्हारे बिना अधूरी” का विमोचन होना था। जैसे ही वह मंच पर पहुंचा, उसने भीड़ में रेखा को देखा। वह बिल्कुल वैसे ही मुस्कुरा रही थी जैसे वह हमेशा करती थी। आनंद की आंखों में आंसू आ गए। वह समझ गया कि उसकी अधूरी कहानी अब पूरी होने जा रही है।
रेखा ने उसे बताया कि वह अपने परिवार की मजबूरियों के कारण वापस नहीं आ पाई थी। लेकिन उसने कभी आनंद को नहीं भुलाया। दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया, और उनकी अधूरी कहानी एक नई शुरुआत की तरफ बढ़ गई।
“तुम्हारे बिना अधूरी” यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि दो दिलों की सच्ची भावना थी। दोनों ने महसूस किया कि प्यार में दूरी कभी दीवार नहीं बन सकती।
रेखा और आनंद ने एक नई जिंदगी की शुरुआत की। उन्होंने शादी करने का फैसला किया और एक छोटा-सा समारोह आयोजित किया। उस दिन आनंद ने महसूस किया कि उसकी अधूरी जिंदगी अब पूरी हो चुकी है। वह अब हर दिन रेखा के साथ बिताने लगा। दोनों ने एक-दूसरे से वादा किया कि वे कभी अलग नहीं होंगे।
रेखा ने भी आनंद की कहानियों में एक नई प्रेरणा भर दी। दोनों ने मिलकर कई कहानियां लिखीं, जो प्यार और समर्पण की मिसाल बन गईं। उनके जीवन में अब हर दिन एक नई कहानी थी। आनंद ने अपनी किताब “तुम्हारे बिना अधूरी” का दूसरा भाग लिखा, जिसमें उसने अपनी अधूरी कहानी का सुखद अंत बताया।
उनकी प्रेम कहानी अब सिर्फ उनकी नहीं थी। वह दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी थी। रेखा और आनंद ने मिलकर दिखाया कि सच्चा प्यार समय और दूरी की सीमाओं को पार कर सकता है।
समय के साथ, उनकी जिंदगी में और भी खुशियां आईं। उन्होंने अपने छोटे-से घर को प्यार और हंसी से भर दिया। हर शाम, जब सूरज डूबता, आनंद और रेखा एक साथ बैठकर चाय पीते और पुरानी यादों को ताजा करते।
एक दिन, आनंद ने रेखा से पूछा, “अगर तुम वापस नहीं आतीं, तो मेरी जिंदगी का क्या होता?”
रेखा मुस्कुराई और बोली, “तुम्हारे बिना अधूरी तो मैं भी थी। लेकिन सच्चा प्यार हमें एक-दूसरे तक वापस ले ही आता है।”
उनकी यह बात दोनों के दिलों में गूंजती रही। “तुम्हारे बिना अधूरी” सिर्फ एक कहानी नहीं थी, बल्कि उनकी जिंदगी का सार थी। दोनों ने महसूस किया कि प्यार में असली ताकत एक-दूसरे के साथ होने में है।