Religion

रेकी क्या है कैसे कर सकते है खुद का और अपने परजनो का इलाज

रेकी

रेकी क्या है

Reiki एक जापानी चिकित्सा तकनीक है जो ऊर्जा उपचार पर आधारित है। यह शब्द दो जापानी शब्दों से मिलकर बना है: “रेई” (Rei) जिसका अर्थ होता है “आध्यात्मिक” या “ब्रह्मांडीय चेतना,” और “की” (Ki) जिसका अर्थ है “जीवन शक्ति ऊर्जा।”

रेकी का मुख्य सिद्धांत यह है कि हमारे शरीर के भीतर एक जीवन शक्ति ऊर्जा प्रवाहित होती है, और अगर यह ऊर्जा अवरुद्ध या असंतुलित हो जाती है, तो यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। रेकी उपचार में एक प्रशिक्षित चिकित्सक अपने हाथों का उपयोग करके रोगी के शरीर पर या उसके ऊपर हल्के से स्पर्श करता है। यह माना जाता है कि इस प्रक्रिया से ऊर्जा का प्रवाह सुधारता है और शरीर को संतुलन में लाने में मदद करता है।

रेकी के कुछ मुख्य लाभ हैं:

तनाव और चिंता को कम करना: रेकी सत्र के दौरान, व्यक्ति को शांति और विश्राम का अनुभव होता है, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधार: रेकी से शारीरिक बीमारियों और मानसिक असंतुलनों के उपचार में मदद मिल सकती है। यह शरीर की आत्म-उपचार प्रक्रिया को सक्रिय करता है।

ऊर्जा संतुलन: रेकी का लक्ष्य शरीर में ऊर्जा प्रवाह को पुनर्स्थापित करना है, ताकि व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से संतुलित महसूस करे।

रेकी का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन इसे वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में मान्यता मिली है और यह दुनिया भर में मानसिक और शारीरिक शांति के लिए इस्तेमाल की जाती है।

शुरुआत

रेकी की शुरुआत जापान से हुई। इसे 20वीं सदी की शुरुआत में जापान के एक आध्यात्मिक शिक्षक और विद्वान डॉ. मिकाओ उसुई (Mikao Usui) ने विकसित किया था। डॉ. उसुई ने प्राचीन भारतीय, तिब्बती और चीनी चिकित्सा प्रणालियों का अध्ययन किया था, और उन्होंने ध्यान और आध्यात्मिक प्रथाओं के माध्यम से यह विधि खोजी।

कहा जाता है कि 1922 में, डॉ. उसुई को एक गहन ध्यान के दौरान रेकी उपचार की विधि का ज्ञान प्राप्त हुआ। उन्होंने इस ऊर्जा उपचार पद्धति को “रेकी” नाम दिया, और जापान के टोक्यो में एक क्लिनिक खोला, जहाँ वे लोगों को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से ठीक करने में मदद करते थे। इसके बाद, उन्होंने दूसरों को भी रेकी सिखाना शुरू किया, ताकि यह पद्धति व्यापक रूप से फैल सके।

रेकी की यह विधि धीरे-धीरे जापान से अन्य देशों, विशेषकर पश्चिमी देशों में फैल गई, और आज इसे पूरी दुनिया में वैकल्पिक चिकित्सा और ऊर्जा उपचार के रूप में माना जाता है।

डॉ. मिकाओ उसुई की रेकी से जुड़ी कहानी जापानी आध्यात्मिक परंपराओं और ध्यान से जुड़ी है। यह कहानी बताती है कि कैसे उन्होंने रेकी को विकसित किया और इसे दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। यह कहानी काफी प्रचलित है, और इसके कई संस्करण भी हैं, लेकिन मुख्य तत्वों को इस प्रकार समझा जा सकता है:

1. आध्यात्मिक खोज की शुरुआत:
मिकाओ उसुई एक विद्वान और आध्यात्मिक व्यक्ति थे। उन्होंने जीवन के गहरे रहस्यों को समझने और मानवता की सेवा करने की इच्छा के साथ अपनी यात्रा शुरू की। वे बौद्ध धर्म के अनुयायी थे और वेदांत सहित कई अन्य प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन कर रहे थे। उनका उद्देश्य था कि वे एक ऐसी उपचार पद्धति खोजें जो न केवल शरीर को ठीक करे, बल्कि आत्मा और मन को भी संतुलित करे।

2. प्रबोधन की खोज:
कहा जाता है कि एक दिन मिकाओ उसुई को यह प्रश्न परेशान करने लगा कि ईसा मसीह और बुद्ध जैसे महापुरुषों ने दूसरों को चमत्कारिक रूप से ठीक करने की शक्ति कैसे प्राप्त की। इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए उन्होंने लंबी साधना की, प्राचीन ग्रंथों का गहन अध्ययन किया, और अपनी खोज में विभिन्न आध्यात्मिक शिक्षकों से मिले।

3. कुर्मी यम पर पर्वत पर ध्यान:
अपनी खोज के दौरान, डॉ. उसुई ने जापान के एक पवित्र पर्वत कुर्मी यम (Mount Kurama) पर 21 दिन का ध्यान और उपवास करने का निर्णय लिया। वे वहां पूर्ण रूप से ध्यानमग्न हो गए, बिना कुछ खाए-पिए ध्यान करते रहे। इन 21 दिनों के दौरान उन्होंने आत्म-अवलोकन, ध्यान और प्रार्थना की। हर दिन उन्होंने एक पत्थर उठाया, जो 21 दिनों की प्रतीक था, ताकि वे समय का ट्रैक रख सकें।

4. प्रकाश का अनुभव:
21वें दिन, ऐसा कहा जाता है कि डॉ. उसुई को एक आध्यात्मिक अनुभव हुआ। उनके सामने अचानक एक तेज प्रकाश आया, जो उनके सिर पर आकर गिरा। इस प्रकाश के माध्यम से उन्हें “रेकी” ऊर्जा की जानकारी और उपचार की तकनीक प्राप्त हुई। उन्होंने इस ऊर्जा को अपनी हथेलियों में महसूस किया, और उन्हें एहसास हुआ कि यह एक उपचार पद्धति है जिसे वे लोगों की भलाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

5. रेकी का अभ्यास और शिक्षा:
प्रकाश के इस अनुभव के बाद, डॉ. मिकाओ उसुई ने इस ऊर्जा का उपयोग दूसरों को ठीक करने के लिए शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने अपने शरीर पर इसका परीक्षण किया और इसके चमत्कारी प्रभाव को देखा। इसके बाद उन्होंने इसे दूसरों पर आजमाया और लोगों ने भी इसे अद्भुत पाया। उन्होंने जापान में अपना एक क्लिनिक स्थापित किया और लोगों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उपचार प्रदान किया।

डॉ. उसुई ने “रेकी” का नाम दिया, जो “रेई” (ब्रह्मांडीय चेतना) और “की” (जीवन ऊर्जा) से मिलकर बना है। उन्होंने इसे एक सरल और प्रभावी पद्धति के रूप में सिखाना शुरू किया, ताकि यह हर व्यक्ति द्वारा उपयोग की जा सके।

6. रेकी का प्रसार:
डॉ. उसुई ने कई छात्रों को रेकी की शिक्षा दी। इनमें से उनके सबसे प्रमुख शिष्य डॉ. चुजीरो हयाशी थे, जिन्होंने रेकी को व्यवस्थित रूप से संरचित किया और इसे और अधिक सुलभ बनाया। हयाशी के शिष्य हावयो टकाता ने इसे पश्चिमी दुनिया में फैलाया, और आज रेकी पूरी दुनिया में एक लोकप्रिय वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति बन चुकी है।

रेकी की कहानी बताती है कि यह ऊर्जा हर व्यक्ति के भीतर मौजूद है, और इसे जागृत कर के हम न केवल खुद को, बल्कि दूसरों को भी ठीक कर सकते हैं। डॉ. मिकाओ उसुई की यह विधि आज भी मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक उपचार के लिए उपयोग की जाती है।

रेकी का कोर्स मैप लिंक 

You may also like

navratri
Religion

Navratri

Photo by Sonika Agarwal on Unsplash Navratri Thu, 3 Oct, 2024 – Sat, 12 Oct, 2024 Navratri is celebrated in
Religion

Shailputri Mata: The First Form of Goddess Durga

The first of the nine goddess forms reverberating during the Hindu festival of Navratri is Shailputri Mata. She is also
Promotion Web Series Top 7 Best Upcoming Top 5 AI Photo Editing Website Names Maa Brahmacharini