सच्ची कहानियाँ

घमंड का नुकसान

घमंड

घमंड का नुकसान

बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में शेरराज नाम का एक शेर रहता था। वह बहुत शक्तिशाली और साहसी था। जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे और उसका सम्मान करते थे। लेकिन शेरराज को अपनी ताकत पर बहुत घमंड था। वह हमेशा सोचता था कि जंगल में उससे बड़ा और शक्तिशाली कोई नहीं है।

जब भी वह जंगल में घूमता, तो बाकी जानवर उससे बचने के लिए इधर-उधर छिप जाते। हिरण, खरगोश, लोमड़ी, बंदर—सभी उससे दूर रहने की कोशिश करते, क्योंकि वह बिना किसी कारण उन पर झपट पड़ता था। वह सोचता था, “मैं ही इस जंगल का राजा हूँ। कोई भी मुझसे जीत नहीं सकता।”

घमंड की शुरुआत
एक दिन शेरराज शिकार की तलाश में जंगल में घूम रहा था। तभी उसने देखा कि एक बूढ़ा हाथी धीरे-धीरे चल रहा है। हाथी की चाल बहुत धीमी थी, क्योंकि वह बहुत बूढ़ा हो चुका था।

शेरराज ने उसे देखकर ज़ोर से हँसते हुए कहा, “अरे हाथी, तुम्हारी ताकत अब खत्म हो गई है! अब तुम किसी काम के नहीं रहे। जंगल में सिर्फ ताकतवर ही राज कर सकता है, जैसे कि मैं!”

हाथी ने मुस्कुराते हुए कहा, “बेटा, ताकतवर होने का मतलब यह नहीं कि तुम हमेशा सबसे बड़े और सर्वश्रेष्ठ रहोगे। समय किसी को नहीं छोड़ता। जब समय बदलता है, तो सबसे ताकतवर भी कमजोर हो जाता है।”

शेरराज ने उसकी बातों को मजाक समझा और वहाँ से चला गया।

शेरराज का अहंकार बढ़ता गया
शेरराज को अपनी ताकत पर इतना घमंड हो गया था कि वह किसी की भी बात नहीं सुनता था। वह छोटे-छोटे जानवरों को बेवजह डराता और परेशान करता। हिरणों को दौड़ाकर थका देता, बंदरों को डराकर पेड़ों से गिरा देता, और कभी-कभी बिना वजह ही दहाड़ता ताकि सभी जानवर उसकी ताकत से डरें।

वह सोचता था, “जंगल में मेरा कोई मुकाबला नहीं कर सकता! मैं सबसे शक्तिशाली हूँ!”

लेकिन समय के साथ, जंगल के अन्य जानवर उससे नफरत करने लगे। वे हमेशा शेरराज से बचने की कोशिश करते।

जंगल में नया शेर
कुछ महीनों बाद, जंगल में एक नया शेर आया। उसका नाम विक्रम था। वह जवान, ताकतवर और चतुर था। जब उसने सुना कि शेरराज जंगल का राजा है, तो उसने उससे मुकाबला करने का फैसला किया।

विक्रम ने अन्य जानवरों से पूछा, “शेरराज कैसा राजा है?”

सभी जानवरों ने कहा, “वह बहुत घमंडी है। वह हमें परेशान करता है और हमें कमजोर समझता है।”

विक्रम को यह सुनकर अच्छा नहीं लगा। उसने कहा, “अगर राजा अच्छा नहीं है, तो उसे बदल देना चाहिए!”

शेरराज को चुनौती
एक दिन विक्रम ने शेरराज को ललकारा, “अगर तुम सच में इतने ताकतवर हो, तो मुझसे मुकाबला करो! अगर तुम जीत गए, तो तुम ही राजा बने रहोगे, लेकिन अगर मैं जीत गया, तो जंगल का नया राजा मैं बनूँगा!”

शेरराज यह सुनकर गुस्से से लाल हो गया। उसने सोचा, “कैसे कोई नया शेर मुझे चुनौती दे सकता है? यह जंगल मेरा है!”

उसने तुरंत विक्रम की चुनौती स्वीकार कर ली।

शेरराज का घमंड टूटना
अगले दिन, जंगल के सभी जानवर इस मुकाबले को देखने के लिए इकट्ठा हुए। शेरराज और विक्रम एक-दूसरे के सामने खड़े हुए। शेरराज ने पूरे बल से हमला किया, लेकिन विक्रम बहुत तेज़ और ताकतवर था। वह फुर्ती से शेरराज के हर वार से बचता गया और फिर एक ज़ोरदार झटका देकर उसे ज़मीन पर गिरा दिया।

शेरराज को बहुत चोट आई। वह दर्द से कराह उठा। पहली बार उसे अपनी ताकत पर संदेह हुआ। उसे एहसास हुआ कि वह अब पहले जैसा शक्तिशाली नहीं रहा।

विक्रम ने कहा, “शेरराज, घमंड हमेशा विनाश की ओर ले जाता है। तुमने अपने घमंड में सबको छोटा समझा, लेकिन अब देखो, समय ने तुम्हें हरा दिया।”

शेरराज को बूढ़े हाथी की बात याद आ गई—”समय किसी को नहीं छोड़ता, ताकतवर भी एक दिन कमजोर हो जाता है।”

शेरराज का पश्चाताप
शेरराज को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने विक्रम से कहा, “तुम सही कहते हो। मैंने हमेशा अपनी ताकत पर घमंड किया और दूसरों को कमजोर समझा। लेकिन आज मुझे समझ आया कि घमंड का कोई फायदा नहीं। मैं अपनी गलती मानता हूँ।”

विक्रम ने मुस्कुराकर कहा, “गलती मानने वाला हमेशा बड़ा होता है। अगर तुम इस जंगल में रहना चाहते हो, तो प्यार और न्याय से रहो।”

शेरराज ने सिर झुका लिया और जंगल के अन्य जानवरों से माफी माँगी।

नया जीवन और शिक्षा
अब शेरराज बदल चुका था। वह अब छोटों से प्यार करने लगा और बूढ़ों का सम्मान करने लगा। वह अब किसी को परेशान नहीं करता था, बल्कि सबकी मदद करता था।

अब जंगल के सभी जानवर उसे पसंद करने लगे। वे उसे पहले की तरह सम्मान देने लगे, लेकिन अब डर से नहीं, बल्कि प्यार से।

शिक्षा:
घमंड हमेशा विनाश का कारण बनता है।
हमें अपनी शक्तियों पर गर्व करना चाहिए, लेकिन दूसरों को छोटा नहीं समझना चाहिए।
समय बदलता रहता है, और जो आज ताकतवर है, वह कल कमजोर भी हो सकता है।
सच्चा राजा वही होता है जो न्याय करे और सबका सम्मान करे।
“अहंकार मनुष्य को अंधा बना देता है, लेकिन जब समय सिखाता है, तो घमंड चकनाचूर हो जाता है!”

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यह कहानी मिस सीरत द्वारा लिखी गई है।

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